SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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शक्ति और समृद्धि का प्रतीक श्री दुर्गा बीसा यंत्र मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आज ही घर में स्थापित करें शक्तिशाली दुर्गा बीसा यंत्र!

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

There is no a single as generous as you, Your devotees often praise and provide you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless secrets are over and above comprehension.

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

Glory to Girija’s consort Shiva, that is compassionate to your destitute, who often shields the saintly, the moon on whose forehead sheds its beautiful lustre, and in whose ears will be the pendants in the cobra hood.

दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो Shiv chaisa यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

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